World Hindi Day 2024 at Mauritius

  • February 26, 2024

हिंदी दिवस, 2024

उद्घाटन-सत्र

hindi 110 जनवरी, 2024 को विश्व हिंदी सचिवालय ने शिक्षा, तृतीयक शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा भारतीय उच्चायोग, मॉरीशस के संयुक्त तत्त्वावधान में विश्व हिंदी सचिवालय के सभागार, फ़ेनिक्स में ‘विश्व हिंदी दिवस’ समारोह का भव्य आयोजन किया। समारोह का आंरभ      दीप-प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। मुख्य अतिथि उपप्रधान मंत्री व शिक्षा, तृतीयक शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, माननीया श्रीमती लीला देवी दुकन-लछुमन रहीं। इस अवसर पर भारतीय उच्चायुक्त, महामहिम श्रीमती नंदिनी के. सिंगला तथा विल्नियुस विश्वविद्यालय, लिथुआनिया की सहायक प्रोफ़ेसर, डॉ. क्रिस्तिना डोलिनिना ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

hindi 2विश्व हिंदी सचिवालय की महासचिव, डॉ. माधुरी रामधारी ने स्वागत-संदेश देते हुए एक दिवसीय कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि हिंदी जगत् में 10 जनवरी को सबसे महत्त्वपूर्ण तिथि माना जाता है, क्योंकि इसी दिन हम हिंदी के वैश्विक प्रसार के लिए नवीन संकल्प लेते हैं तथा नई योजनाएँ निर्धारित करते हैं।

hindi 3डॉ. क्रिस्तिना डोलिनिना ने ‘लिथुआनिया में हिंदी भाषा-शिक्षण की स्थिति’ विषय पर बीज-वक्तव्य देते हुए बताया कि एशियाई और ट्रांसकल्चरल अध्ययन संस्थान तीन अध्ययन कार्यक्रम संचालित करता है – एशियाई अध्ययन में बी.ए., आधुनिक एशियाई अध्ययन में एम.ए. तथा पी.एचडी के स्तर पर पढ़ाई होती है। उन्होंने बताया कि पहले सेमेस्टर में छात्रों को संस्कृत पढ़ाई जाती है और उन्हें देवनागरी लिपि तथा इंडो-यूरोपियन भाषाओं के इतिहास से परिचित कराया जाता है। दूसरे साल से छात्र हिंदी भाषा सीखना शुरू करते हैं। तीसरे सीमेस्टर में उनके हिंदी ज्ञान को बढ़ाया जाता है। चौथे सीमेस्टर में उन्हें हिंदी साहित्य के इतिहास से परिचित कराया जाता है। पाँचवें सीमेस्टर में छात्रों को साहित्य के व्यापक क्षेत्र, जिसमें भारतीय प्रवासियों का साहित्य और अन्य भारतीय भाषाओं का साहित्य भी सम्मिलित होता है, का परिचय दिया जाता है। लिथुआनिया में भारतीय दूतावास खुलने से आशा की जाती है कि हिंदी शिक्षण के क्षेत्र में विकास होगा।

hindi 4महामहिम श्रीमती नंदिनी के. सिंगला ने इस अवसर पर भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री, माननीय श्री नरेन्द्र मोदी का संदेश पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा कि विश्व हिंदी दिवस हमें अपनी भाषा और संस्कृति को दुनिया के समक्ष गर्व से प्रदर्शित करने का सुअवसर देता है। उन्होंने बताया कि आज हिंदी यूनेस्को के नौ कामकाजी भाषाओं में से एक है।

hindi 5भारतीय उच्चायुक्त के वक्तव्य के उपरांत डॉ. क्रिस्तिना डोलिनिना, जो विल्नियुस विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफ़ेसर होने के अतिरिक्त कथक और ओडिसी नृत्य शिक्षिका भी हैं, ने शांति का नृत्य प्रस्तुत किया।

 

 

 

hindi 6माननीया श्रीमती लीला देवी दुकन-लछुमन ने कहा कि “विश्व हिंदी सचिवालय दुनिया में हिंदी का अमृत रस देने वाला एक सागर है। एक ओर विश्व हिंदी सचिवालय की पहचान बन रही है, तो दूसरी ओर दुनिया भर से सहयोग के हाथ बढ़ रहे हैं।” उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे सही विधियों और सही साधनों का प्रयोग करके हिंदी सीखने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करें। इस अवसर पर विश्व के विभिन्न देशों में हिंदी पढ़ने वाले विद्यार्थियों एवं शिक्षकों ने वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से ‘विश्व में हिंदी’ विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।

 

hindi 7इस समारोह में ‘विश्व हिंदी पत्रिका’ के 15वें अंक का लोकार्पण किया गया। इसमें विश्व के विभिन्न प्रदेशों के हिंदी विद्वानों एवं लेखकों द्वारा 35 ज्ञानवर्धक आलेख सम्मिलित किए गए हैं, जो हिंदी के विकास, भाषा, लिपि और साहित्य, हिंदी के ई-संसार एवं जन-संचार, हिंदी शिक्षण, हिंदी के विविध आयाम आदि से संबंधित हैं। यह अंक सचिवालय की वेबसाइट www.vishwahindi.com पर उपलब्ध है।

hindi 8विश्व हिंदी दिवस 2024 के उपलक्ष्य में सचिवालय ने अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ताज लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इस प्रतियोगिता के विजेता इस प्रकार रहे :

1. अफ्रीका व मध्य पूर्व – प्रथम पुरस्कार – श्री आकाश आर्यनाईक, द्वितीय पुरस्कार – सुश्री प्रेरणा आर्यनाईक तथा तृतीय पुरस्कार – श्रीमती याचना मिश्रा जांगी (मॉरीशस) 2. अमेरिका से प्रथम पुरस्कार – सोनिमा गायापरसाद (सूरीनाम), द्वितीय पुरस्कार – डॉ. हंसा दीप (कनाडा) तथा तृतीय पुरस्कार – विनीता तिवारी (अमेरिका) 3. एशिया व ऑस्ट्रेलिया से प्रथम पुरस्कार – डॉ. सुभाषिनी लता कुमार (फ़िजी) 4. यूरोप से प्रथम पुरस्कार – इंदु बासैठ (यू.के.), द्वितीय पुरस्कार  - मधु कुमार चौरसिया (यू.के.) तथा तृतीय पुरस्कार डॉ. वंदना मुकेश (इंग्लैंड) 5. भारत से प्रथम पुरस्कार – डॉ. विनोद कुमार दुबे, द्वितीय पुरस्कार – डॉ. सुधा जगदीश गुप्त तथा तृतीय पुरस्कार – डॉ. पल्लवी मिश्रा।

एक दिवसीय कार्यशाला : ‘द्वितीय भाषा अथवा विदेशी भाषा के रूप में हिंदी का परिचय’

hindi 9एक दिवसीय कार्यशाला के प्रथम सत्र में मॉरीशस के शिक्षा मंत्रालय में सहायक हिंदी पर्यवेक्षिका, श्रीमती सोनवंती जानकी ने ‘द्वितीय भाषा के रूप में हिंदी का परिचय’ विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि हिंदी एक समृद्ध भाषा है जिसे पढ़ाने के अलग-अलग तरीके हैं। हिंदी शिक्षक प्रश्नोत्तर विधि, प्रयोगात्मक विधि, चित्रांकन विधि आदि का प्रयोग करते हैं। इसके अतिरिक्त नाटक मंचन,             कहानी-कथन तथा कविता-पाठ के माध्यम से भी हिंदी के प्रति बच्चों की रुचि विकसित की जाती है।

hindi 10वरिष्ठ व्याख्याता, डॉ. अलका धनपत ने पाठ्य-पुस्तक-निर्माण पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि “पुस्तक-निर्माण एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य है। पाठ्य-पुस्तक में पाठ सरल, सहज, आनन्दप्रद तथा बाल-केन्द्रित होना चाहिए।” उनके अनुसार पाठ्य-पुस्तकों में पात्रों के नाम सोच-समझकर रखे जाते हैं, जैसे ‘आशीष’, ताकि बच्चे को तालव्य (श) और मूर्धन्य (ष) दोनों ध्वनियों का अंतर पता हो सके। उन्होंने बताया कि पहली से लेकर छठी कक्षा तक की पाठ्य-पुस्तकों में एक बच्चा दो हज़ार (2000) शब्द सीख जाता है।

hindi 11डॉ. क्रिस्तिना डोलिनिना ने ‘विदेशी भाषा के रूप में हिंदी का परिचय’ विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि लिथुआनिया में प्राथमिक स्तर पर हिंदी का पठन-पाठन नहीं होता है। सिर्फ़ विश्वविद्यालय के स्तर पर हिंदी पढ़ायी जाती है, जहाँ मौखिक हिंदी पर विशेष बल दिया जाता है। लिथुआनियाई भाषा तथा हिंदी की ध्वनियाँ लगभग समान हैं। इसीलिए उच्चारण में ज्यादा कठिनाई नहीं होती है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम

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विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा, नई दिल्ली के निदेशक, श्री चितरंजन त्रिपाठी ने ‘गुन्नु बाई’ नाटक की प्रभावशाली प्रस्तुति की। ‘गुन्नु बाई’ नाटक एक ऐसे पात्र के जीवन पर आधारित है, जो महत्त्वाकांक्षाओं के वृहद आकाश में विचरित करते हुए कुछ कर गुजरने की चाह लिये एक छोटे-से गाँव से शहर आता है। यहाँ से उसके जीवन की संघर्ष-भरी यात्रा शुरू होती है। जीवन के उतार-चढ़ाव से जूझता हुआ वह अंततः किसी बहरूपये का रूप धारण करता है, जो स्त्री है या पुरुष है या किन्नर है। नाटक उसके जीवन की परत-दर-परत खोलता है और दर्शकों को यह सोचने पर विवश करता है कि क्या परिस्थितियाँ कभी जीवन को ऐसे मोड़ पर ला खड़ा कर देती हैं, जहाँ मनुष्य सही और गलत का निर्णय नहीं ले पाता है। श्री चितरंजन त्रिपाठी ने ‘गुन्नु बाई’ के किरदार को जीवंत कर दर्शकों को मंत्र-मुग्ध कर दिया।

hindi 14भारतीय उच्चायुक्त महामहिम श्रीमती नंदिनी के. सिंगला जी ने   आभार- स्वरूप राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक, श्री चितरंजन त्रिपाठी और नाटक-मंचन में अमूल्य सहयोग प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की सहायक निदेशक श्रीमती चेतना वशिष्ठ, एसोसिएट प्रोफ़ेसर श्री यशराज जाधव म्हासु एवं सहायक प्रोफ़ेसर श्री अरुण कुमार मलिक जी को प्रतीक चिह्न प्रदान किया।

इस अवसर पर विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारीगण, शैक्षिक, धार्मिक व अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधिगण और मॉरीशसीय हिंदी साहित्यकारों, लेखकों, प्राध्यापकों, शिक्षकों, छात्रों व हिंदी प्रेमियों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। शिक्षा, तृतीयक शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की पूर्व हिंदी निरीक्षिका, श्रीमती अश्वीना देवी हेमू ने कार्यक्रम के सभी सत्रों का मंच-संचालन किया।

विश्व हिंदी सचिवालय की रिपोर्ट

Theater Gallery

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