उत्तर-पूर्व विस्‍तार कार्यक्रम

उत्तर-पूर्व विस्‍तार कार्यक्रम

 राष्‍ट्रीय नाट्य विद्यालय का विस्‍तार कार्यक्रम दिल्‍ली में स्थित विद्यालय को देश के विभिन्‍न क्षेत्रीय रंगमंचों के साथ जोड़ता है। सुनियोजित रंगमंच कार्यशालाओं की श्रृंखला के माध्‍यम से प्रत्‍येक क्षेत्र की विशेष आवश्‍यकताओं को ध्‍यान में रखते हुए विद्यालय प्रशिक्षण प्रदान कराता है और देशभर में फैले हुए रंगकर्मियों के साथ नाटक तैयार करता है। ऐसे रंगकर्मी जो रानावि के तीन वर्षीय पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं ले पाते और  जो रंगमंच शौकिया रूप से कुछ समय के लिए करना चाहते हैं, उन्‍हें इन कार्यशालाओं में प्रशिक्षण दिया जाता है।

 इस कार्यक्रम के माध्‍यम से विद्यालय बहुसंख्‍या में ऐसी रंगमंडलियों और संस्‍थानों के साथ संपर्क बनाता है जो कि सहयोगी प्रोजेक्‍ट लेकर क्षेत्रों में उत्‍कृष्‍ट कार्य कर रहे हैं। हाल ही के वर्षों में रानावि ने अपने विस्‍तार कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तर-पूर्व के राज्‍यों में रंगमंच कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित की है। कार्यशाला 3-चरण कार्यक्रम के आधार पर बढ़ती है पहले चरण में रंगमंच अनुभव – प्रस्‍तुति और अंतरण की जटिलताओं के बारे में सभी प्रतिभागियों के बीच रुचि पैदा करना था। दूसरे चरण में उस क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करना था और तीसरे चरण में प्रशिक्षण के आधार पर प्रस्‍तुति तैयार करने में सहयोग और मार्गदर्शित करना था। एक बार जब सभी प्रस्‍तुतियां तैयार हो गईं प्रतिभागियों को क्षेत्र के अलग-अलग स्‍थानों में प्रत्‍येक स्‍थान पर 10 शो मंचित करने का अवसर दिया गया जिससे कि उनमें आत्‍मविश्‍वास आए और वे विविध अनुभव प्राप्‍त कर सकें और साथ ही दर्शक के सा‍थ पारस्‍परिक तालमेल बिठा सकें और अंतत: विद्यालय ने इस प्रस्‍तुतियों को मंचित करने के लिए मंच प्रदान करने का निर्णय लिया और यहीं से पूर्वोत्तर नाट्य समारोह ने जन्‍म लिया।

 पहला पूर्वोत्तर नाट्य समारोह गुवाहाटी में 2007 में आयोजित किया गया और दूसरा समारोह गंगटोक, सिक्किम में 2008 में। पूर्वोत्तर नाट्य समारोह में प्रतिभागिता करने वाले नाटक रोमांस, समाजिक मुद्दे जैसे जाति, लिंग, सामंतवादी समाज में शोषण, उत्तर जीविता और संघर्ष विदीर्ण सामाजिक परिप्रेक्ष्‍य में उम्‍मीद, दार्शनिक सिद्धांत और प्रतिरोध जैसे विविध विषयों के बारे में होते हैं।

 यह रंगमंच अनुभव का मिश्रण न केवल उन सभी को आपस में मिलाएगा जो इस उत्‍सव में शामिल हैं बल्कि निरूपण और प्रस्‍तुतिकरण की यह श्रृंखला चित्रण के अलग-अलग रूपों की भी रेखांकित करेगी, हर कोई एक दूसरे से एकदम ख़री। मानव जीवन और अस्तित्‍ववाद की विभिन्‍नता में एकता को रेखांकित कर, उत्‍सव सभी के लिए अर्थपूर्ण पारस्‍परिक क्रिया और कार्यों के लिए एक स्‍थान उपलब्‍ध कराने की आशा करता है। 

 

 

 

 

 

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