लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक व भारतेंदु नाट्य अकादेमी लखनऊ से अभिनय में डिप्लोमा और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से 1986 में अभिनय में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त दिनेश खन्ना पिछले बीस वर्षों से अभिनय, निर्देशन, शिक्षण के क्षेत्र में कार्यरत हैं। साहित्य एवं अनुवाद में उनकी विशेष रुचि है और रंगमंच पर कई आलेख लिख चुके हैं। कुछ आंसू और कुछ फूल व अभिनय चिंतन उनकी प्रकाशित पुस्तकें हैं।
1986 में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से अभिनय विशेषज्ञता के साथ स्नातक उपाधि प्राप्त अब्दुल लतीफ़ ख़टाना देश-विदेश में प्रस्तुत कई नाटकों की संकल्पना, लेखन व निर्देशन करने के अलावा अभिनय पर अनेक कार्यशालाओं का संचालन कर चुके हैं। वह कश्मीर स्थित अदबी संगत तथा नाट्य संस्था किरदार के संस्थापक हैं। वह संस्कार रंग टोली के संस्थापक अभिनेता-शिक्षक थे और वर्तमान में उसके प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें टोली के पहले राष्ट्रीय रंगमंच उत्सव ‘जश्ने-बचपन’ व उसके बाद हुए बाल लोक कलाकारों के उत्सव ‘बाल संगम’ की संकल्पना और आयोजन का श्रेय जाता है। श्री ख़टाना ने स्कूलों, संस्थानों और गैर सरकारी संगठनों के साथ बड़े पैमाने में कार्य किया है और बच्चों के लिए रंगमंच/नाटक की आवश्यकता को कई स्तरों पर रेखांकित किया है। उन्होंने एनसीईआरटी के लिए 1-12वीं कक्षा के बच्चों हेतु रंगमंच/नाटक संबंधी पाठ्यक्रम तैयार करने में विशेष योगदान दिया है।
राडा, लंदन से रंग-प्रस्तुति और मंच प्रबंधन में डिप्लोमा, रानावि से अभिकल्पना व निर्देशन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा, कालीकट विश्वविद्यालय, केरल से रंगमंच कलाओं में स्नातक उपाधि और जवाहरलाल विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से 2012 में पीएचडी प्राप्त अभिलाष पिल्लै ने विभिन्न भारतीय भाषाओं और अंग्रेज़ी में नाटकों का निर्देशन किया है, भारत और इंग्लैंड के प्रमुख प्रकाशनों में लेख लिखे हैं और सेमिनार व कार्यशालाओं में हिस्सा लिया है। इनके कार्यों में विस्तृत सामग्री शामिल रहती है परन्तु सभी को एक समकालीन सौंदर्यपरक शैली में प्रस्तुत किया जाता है। ये राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से निर्मित कई प्रस्तुतियों में कार्य कर चुके हैं और निर्देशन में पहली बार रानावि ने केरल के ग्रैंड सर्कस के सहयोग से क्लाउन्स एंड क्लाउड्स प्रस्तुति का मंचन किया। 2008-2011 के दौरान वे संकायाध्यक्ष, शैक्षिक रहे। रंगमंच के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियों के लिए 2002-03 में अभिलाष पिल्लै को संस्कृति पुरस्कार, केरल संगीत नाटक पुरस्कार 2012 से सम्मानित किया गया।
जाधवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता से तुलनात्मक साहित्य का अध्ययन करने के बाद शांतनु बोस ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की। उन्होंने रंगमंच की शुरुआत तृप्ति मित्रा के अंतर्गत प्रशिक्षु के रूप में की। वह बहुसांस्कृतिक परिस्थितियों में प्रस्तुति तैयार करने में विशेष रुचि लेते रहे हैं। उन्होंने फिल्मों के दृश्य निर्माण के अलावा तत्संबंधी प्रशिक्षण भी दिया है और गैलरी आधारित दृश्य-कला कार्यों में डिजिटल तकनीक का प्रयोग किया है।
रानावि स्नातक (निर्देशन, 2004) अमितेश ग्रोवर एक प्रस्तुति निर्माता हैं जो मार्च 2012 तक 9 देशों में 15 प्रस्तुतियों के 110 प्रदर्शन कर चुके हैं और मिक्स मीडिया इंस्टालेशन का निर्माण कर चुके हैं। उन्होंने 2006 में यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट्स लंदन से प्रदर्शनकारी कलाएं विषय में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की जहां प्रस्तुति के दौरान शरीर तथा मीडिया के अंतर्संबंधों पर अपनी खोज यात्रा शुरू की। उनका ताज़ातरीन काम डिजिटल तकनीक, गेम परिकल्पना और जन हस्तक्षेप की पारस्परिकता का अन्वेषण करता है। वे अनुशासनों और संस्कृतियों से परे एक सहयोगी प्रक्रिया के तहत कार्य करते हैं। उनका काम स्विट्जरलैंड, अमेरिका, इग्लैंड, मेक्सिको, चीन, फिलीपींस, रोमानिया, पाकिस्तान, ओमान और भारत में बड़े पैमाने पर प्रदर्शित हो चुका है। वह अनेक पुरस्कारों से सम्मानित हैं जिनमें केएमटी रेजिडेंसी (आस्ट्रेलिया-2011), वाईसीई अवॉर्ड नोमिनेशन 2010, संगीत नाटक अकादमी का बिस्मिल्लाह ख़ान युवा पुरस्कार (निर्देशन, 2009), बी.सी. थिएटर सूत्र अवॉर्ड (2009), आर्टिस्ट रेजिडेन्सी (स्वीट्जरलैंड, 2008) और चार्लेस वालेस स्कॉलरशिप (यू.के. 2005), थिएटर स्पेक्टाकेल में ये जूरी रह चुके हैं और 2011 में कार्नेल विश्वविद्यालय, अमेरिका में अतिथि व्याख्यान के लिए आमंत्रित किये जा चुके हैं। श्री ग्रोवर 2012 में रानावि में सहायक प्रोफेसर के पद पर शामिल हुए।
उड़ीसा में जन्मे और पले-बढ़े श्री अरूण कुमार मलिक ने उत्कल विश्वविद्यालय से ललित कला (शिल्पकला) में बी. एफ. ए. की उपाधि प्राप्त की और वर्ष 2007 में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से अभिनय में स्नाकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया। तभी से आप बतौर अभिनेता, निर्देशक एवं मंच व मंच सामग्री अभिकल्पक कार्य के रूप में कर रहे हैं । आपने 250 से भी अधिक नाटकों में अभिकल्पक एवं अभिनेता के रूप में कार्य किया है। आपने कुछ फ़िल्मों और टी. वी. धारावाहिको में अभिनय किया है । हाल ही में आपको लंदन में उन्नत प्रोस्थेटिक मेकअप के अध्ययन के लिए चालर्स वालेस इंडिया ट्रस्ट वृति भी प्राप्त हुई है । आपको 2014-15 में संगीत नाटक अकादमी द्वारा बिस्मिल्लाह ख़ान युवा पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आपने देश के कई अलग-अलग स्थानों में रंगमंच एवं कार्यशालाएं की हैं। आपने मई 2017 में सहायक प्रोफेसर के पद पर रा.ना.वि. में कार्य संभाला है।
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