कार्यशालाएं – हाल ही के वर्षों में रा.ना.वि. ने अपने विस्तार कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तर-पूर्व के राज्यों में रंगमंच कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित की है। कार्यशाला 3-चरण कार्यक्रम के आधार पर बढ़ती है पहले चरण में रंगमंच अनुभव – प्रस्तुति और अंतरण की जटिलताओं के बारे में सभी प्रतिभागियों के बीच रुचि पैदा करना था। दूसरे चरण में उस क्षेत्र में प्रशिक्षण प्रदान करना था और तीसरे चरण में प्रशिक्षण के आधार पर प्रस्तुति तैयार करने में सहयोग और मार्गदर्शित करना था। पहला पूर्वोत्तर नाट्य समारोह गुवाहाटी में 2007 में आयोजित किया गया और दूसरा समारोह गंगटोक, सिक्किम में 2008 में।
क्षेत्रीय संसाधन केन्द्र – रंग आंदोलन को जन-जन तक पहुँचाने और रंगकर्मियों के लिए इसे और अधिक सुलभ बनाने को ध्यान में रखकर विस्तार कार्यक्रम का विकेन्द्रीकरण कर देश के विभिन्न क्षेत्रों में क्षेत्रीय संसाधन केन्द्र स्थापित करने को निर्णय लिया गया। कर्नाटक, आन्ध्रा प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और पांडिचेरी को शामिल करते हुए ऐसा पहला केन्द्र 1994 में बैंगलूरु मे स्थापित हुआ। केन्द्र आरंभ से ही बहुत सक्रिय रहा है और राज्य एजेन्सीज व स्थानीय रंगमंडलियों के सहयोग से बहुसंख्या में कार्यशालाएं आयोजित करता रहा है।
विद्यालय में प्रशिक्षण – विद्यालय में प्रशिक्षण एक सम्यक, व्यापक और सावधानीपूर्वक नियोजित तीन वर्षीय पाठ्यक्रम पर आधारित है जिसमें सिद्धांत से लेकर अभ्यास तक रंगमंच के सभी पहलुओं को शामिल किया गया है और जिसका परिणाम मूल्यांकन के लिए व्यापक जनसमूह के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है। पाठ्यक्रम में रंगकर्म से जुड़ी उन सभी महान विभूतियों की पद्धतियों को शामिल किया गया है जिन्होंने समसामयिक रंगमंच के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों को एक स्वरूप प्रदान किया है। इस पाठ्यक्रम में भारत एवं पश्चिम की शास्त्रीय नाट्य परंपराओं, भारत और विदेशों में आधुनिक रंगमंच प्रवृत्तियां, भारतीय पारंपरिक और लोक रंगमंच, भारतीय रंगमंच परंपराओं में विशेषज्ञतापरक व्यापक प्रशिक्षण शामिल है।
अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनहाति//अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित उम्मिदवारों के लिए आरक्षण – 20 सीटों में से 4 सीटें अनु. जा./अनु.जन./अ.पि.व. वर्गों के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित हैं, पारंपरिक परिवार जो प्रदर्शन कलाओं से जुड़े हुए हैं, के अभ्यर्थियों को वरियता दी जाती है।
विदेशी उम्मीदवार – इस पाठ्यक्रम में विदेशी छात्र भी प्रवेश ले सकते हैं। हालांकि सीटों की संख्या सीमित होने के कारण एक सत्र में 1-2 से अधिक विदेशी छात्रों को प्रवेश देना संभव नहीं होता। ऐसे छात्र आवेदन पत्र अपने देश में स्थित भारतीय दूतावास/उच्चायोग के माध्यम से जमा करवाएं जो उन्हें भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) को अग्रसरित करेंगे। केवल आईसीसीआर द्वारा अनुशंसित आवेदनों पर ही विद्यालय द्वारा विचार किया जाएगा।
पाठ्यक्रम की मान्यता
विद्यालय द्वारा नाट्यकला में दिए जाने वाले उक्त डिप्लोमा को भारत सरकार के तत्कालीन शिक्षा तथा संस्कृति मंत्रालय द्वारा केन्द्रीय सरकार के अधीन उच्च पदों पर सेवाओं में भर्ती के प्रयोजनार्थ मान्यता प्रदान की गई है, जहां नाट्यकला में स्नातकोत्तर विशेषज्ञता आवश्यकता होती है। यह डिप्लोमा नाट्यकला में स्नातकोत्तर उपाधि के समकक्ष है और भारतीय विश्वविद्यालय संघ द्वारा महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के रूप में नियुक्ति तथा पी.एच.डी. पंजीकरण के लिए योग्य हैं।
प्रकाशन कार्यक्रम - इस इकाई का पहला बड़ा प्रकाशन ‘रंग यात्रा’ जिसमें रा.ना.वि. रंगमंडल के वर्ष 1964 के बाद से 25 वर्षों के इतिहास को संजोया गया, 1990 में मुद्रित हुआ। वर्ष 1997-2000 के बीच नियमित प्रकाशन के अलावा प्रकाशन इकाई ने नाटक व अन्य संबंधित विषयों पर 27 प्रकाशन प्रकाशित किए है।
छात्रवृत्ति – विद्यालय चुने हुए छात्रों को प्रतिमाह रु; 3,000 (रुपये तीन हजार मात्र) की छात्रवृत्ति प्रदान करता है। जिस छात्र को विद्यालय द्वारा यह छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है, उससे यह अपेक्षा की जाती है कि वह (अ) रु. 108,000/- का इस आशय का एक बॉण्ड भरकर विद्यालय में प्रस्तुत करेगा कि यदि वह तीन वर्ष से पहले ही अपना प्रशिक्षण बंद करने का निर्णय करता/करती है, या अनुशासनिक आधार पर उसे अपना प्रशिक्षण बंद करना पड़ता है तो उसे वह संपूर्ण राशि विद्यालय को लौटानी पड़ेगी जो उसने प्रशिक्षण की समाप्ति से पूर्व प्राप्त की थी।
यह जिलाधिकारी/कलेक्टर/उपायुक्त (राजस्व अधिकारी) द्वारा अनुप्रमाणित रु. 108,000/- की प्रतिभूति जमा करेगा।
बीमा – चयनित उम्मीदवारों को एक जोखिम कवर पालिसी के अंतर्गत लाया जाता है जिसके लिए उन्हें आवश्यक प्रीमियम राशि का भुगतान करना होता है जो कि लगभग रु. 150 से रु. 200 वार्षिक के बीच हो सकती है। विद्यालय इस बीमा कवर से बाहर कोई भी अन्य जिम्मेदारी नहीं लेता।
अध्ययन सामग्री – कक्षा के उद्देश्य से विद्यालय छात्रों को एक माउण्ड बोर्ड, ड्राइंग पेपर और लकड़ी की आपूर्ति निशुल्क विद्यालय उपलब्ध करेगा। इसके अतिरिक्त किसी अन्य सामग्री को छात्रों को खरीदना पड़ेगा। प्रत्येक छात्र को उसके सामान और निजि सामानों के लिए लॉकर आबंटित किया जाएगा। प्रवेश पाने पर छात्रों को आवश्यक नोट बुक और रूप-सज्जा किट जिसकी कीमत लगभग रु. 3,000 है, खरीदनी होगी।
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