विस्तार कार्यक्रम जिसके अंतर्गत रानावि संकाय और स्नातक देश के विभिन्न भागों में कार्यशालाएं संचालित करते हैं, की स्थापना 1978 में हुई तभी से विस्तार कार्यक्रम द्वारा नेपाल, सिक्किम, लद्दाख और साथ ही भूटान में संचालित कुछ कार्यशालाओं को शामिल कर व्यस्कों और बच्चों के लिए देशभर में कार्यशालाएं संचालित की गई है। 1980 में आरंभ किए गए पारंपरिक रंगमंच प्रोजेक्ट ने नियमित आधार पर पारंपरिक और समकालीन रंगमंच कलाकारों के बीच सृजनात्मक तालमेल को प्रोत्साहित किया है। रंगमंच का परिचय देने के साथ-साथ ये कार्यशालाएं प्रतिभागियों के व्यक्तिव का विकास करती है और उनको संवेदनशीलता के दायरे की ओर बढ़ाती है।
समिति : वर्तमान विस्तार कार्यक्रम समिति निम्न प्रकार से है :
प्रो. त्रिपुरारि शर्मा
अभिनय निर्देशक एवं प्रोफेसर (अभिनय)
प्रो. रॉबिन दास
प्रोफेसर, अभिकल्पना
श्री अभिलाष पिल्लई
सहायक प्रोफेसर (अभिनय)
श्री शांतनु बोस
सहायक प्रोफेसर (विश्व नाटक)
श्री अमितेश ग्रोवर
सहायक प्रोफेसर (विस्तार कार्यक्रम)
जैसा कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में प्रवेश देशभर से केवल 26 छात्रों तक ही सीमित है, विद्यालय विस्तार कार्यक्रम भी चलाता है जो विभिन्न प्रकार की रंगमंच कार्यशालाएं संचालित कर विभिन्न क्षेत्रों और भाषाओं के रंगमंच के प्रति उत्साही व्यक्तियों तक पहुँचने के लिए बाह्य पहुँच कार्यक्रम के रूप में कार्य करता है। यह बाह्य पहुँच कार्यक्रम लघु अवधि की शिक्षा एवं प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित करता है जो रंगमंच से और रंगमंच के साथ जुड़े विषयों की समूची सीमाओं पर कार्य करता है। ऐसे कार्यशालाओं में अभिनय, गति संचालन, प्रकाश व्यवस्था, रूप सज्जा, रंगमंच इतिहास और साहित्य जैसे अन्य विषयों पर पढ़ाया जाता है। प्रतिवर्ष लगभग 55 कार्यक्रमों के साथ इस कार्यक्रम ने देश में रंगमंचीय गतिविधियों को पुन: जीवित करने में एक अहम भूमिका निभाई है। अब तक राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के विस्तार कार्यक्रम के तत्वावधान के अंतर्गत कई कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं।
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