राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय


राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय विश्व के अग्रणी नाट्य प्रशिक्षण संस्थाओं में से एक और भारत में अपनी तरह का एक मात्र संस्थान है। इसकी स्थापना संगीत नाटक द्वारा उसकी एक इकाई के रूप में वर्ष 1959 में की गई। वर्ष 1975 यह एक स्वतंत्र संस्था बनी व इसका पंजीकरण वर्ष 1860 के सोसायटी पंजीकरण धारा XXI के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था के रूप में किया गया। यह संस्था संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पूर्ण रूप से वित्त पोषित है। विद्यालय में दिया जाने वाला प्रशिक्षण गहन, संपूर्ण एवं व्यापक होता है जिसमें सुनियोजित पाठ्यक्रम होता है जो कि रंगमंच के हर पहलू को समाहित करता है और जिसमें सिद्धांत व्यवहार से संबंधित होते हैं। प्रशिक्षण के एक अंश के रूप में छात्रों को नाटक तैयार करने होते हैं जिनको कि बाद में जन समूह के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।

उनके पाठ्यक्रम में उन महान रंगकर्मियों के कार्यों को दर्शाया जाता है जिन्होंने समकालीन रंगमंच के विभिन्न पहलुओं को साकार रूप देने में सहयोग किया। संस्कृत नाटक, आधुनिक भारतीय नाटक, पारंपरिक भारतीय रंगमंच रूपों, एशियन नाटक ‘और पाश्चाात्य नाट्य प्रोटोकॉल के सुनियोजित अध्यंयन और व्यावहारिक प्रस्तुतिकरण अनुभव छात्रों को रंगमंच कला की एक सशक्त पृष्ठभूमि व बृहत दृष्टिकोण प्रदान करता है।

रा.ना.वि. प्रकाशन

National School of Drama Publications

रा.ना.वि. थियेटर गैलरी

निविदा सूचना